From Facebook article of Shri. Pawanji
इस “मजे, की बड़ी “सजा, है….!
रोहिणी अपने पापा की प्यारी सी बेटी थी।2004 में ग्यारहवीं के दौरान पापा ने कम्प्यूटर दिलवाया था।उसमे नेट भी था।एक दिन पापा का कम्प्यूटर नही चल रहा था सोचा रोहिणी वाले कम्प्यूटर में काम कर लूं,…. खोला……………………..
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